प्रबोधिनी एकादशी पर श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र गंगा में पुण्य की डुबकी, चार माह बाद जाग गये श्रीहरि
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी हरि प्रबोधिनी एकादशी (देव उठनी एकादशी) पर शुक्रवार को काशीपुराधिपति की नगरी में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। दान पुण्य के बाद बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन कर लोगों ने नये गन्ने का नेवान किया। प्रबोधिनी एकादशी पर ही चराचर जगत के पालनहार श्री हरि भी चार मास की योग निद्रा से जाग गये। श्री हरि के योग निद्रा से जागने के बाद मांगलिक कार्य भी शुरू जायेंगे । एकादशी पर लोग भोर से ही गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंचते रहे। गंगा घाटों पर स्नान ध्यान के बाद लोगों ने दानपुण्य कर श्री हरि की आराधना की। गंगा स्नान के लिए के लिए प्राचीन दशाश्वमेध घाट,राजेन्द्र प्रसाद घाट, अहिल्याबाई घाट, पंचगंगा घाट, अस्सीघाट, सामनेघाट, भैसासुर और खिड़कियाघाट पर सर्वाधिक भीड़ जुटी रही। स्नान पर्व पर शहर के प्रमुख चैराहों, मोहल्लों में लगे गन्ने की अस्थाई दुकानों पर जमकर खरीददारी हुई। शहर के चैकाघाट रेलवे ओवरब्रिज के समीप गन्ने की खरीददारी के लिए लोग जुटे रहे। तुलसी माता की पूजा, शालीग्राम से विवाह रचाया गया हरि प्रबोधिनी एकादशी पर गंगा स्नान ध्यान क