सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है?
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज 147वीं जयंती है। देश भर में लौह पुरुष की जयंती पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल के अभूतपूर्व योगदान को भारतीय इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में पूरी और सही जगह नहीं मिली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने यह बात विशेष रूप से आईएएनएस को बताई। क्या भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल (भारत के लौह पुरुष) को पाठ्यपुस्तकों में उनका उचित स्थान दिया गया है। इस सवाल के जवाब में यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि हमारे युवाओं को स्कूल स्तर पर पटेल के योगदान के बारे में बताने की जरूरत है। प्रथम गृह मंत्री और उपप्रधान मंत्री सरदार पटेल ने शराब, अस्पृश्यता और जातिगत भेदभाव के खिलाफ अंतहीन काम किया, गुजरात व अन्य स्थानों में महिलाओं की मुक्ति के पक्ष में अभियानों का नेतृत्व किया। प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि भारत को एकीकृत करने की धारणा उनके खून में प्रवाहित होती थी। उन्होंने खेड़ा और बारडोली सत्याग्रह जैसे किसानों के सत्याग्रह को राष्ट्रीय आंदोलन में एकीकृत किया। एक ‘ श्रेष्ठ भारत ’ बनाने का उनका सप