Central Vista : क्या है सेंट्रल विस्टा ? जानें इसकी History और Importance के बारे में सबकुछ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे एक खास कार्यक्रम में दिल्ली के सेंट्रल विस्टा के नए रूप का उद्घाटन करेंगे. भारत के पावर कॉरिडोर का भव्य पुनर्विकास, जिसमें अब एक नया संसद भवन, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबा प्रतिष्ठित कार्तव्य पथ है, दिसंबर 2020 में शुरू हुआ। हालांकि, सुधार यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही है। सुप्रीम कोर्ट के रुकने के आदेश से लेकर विपक्ष के विरोध तक, इस परियोजना ने सब कुछ देखा है।
इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक दोनों तरफ फैले इलाके को Central Vista कहते हैं। इस इलाके में राष्ट्रपति भवन, साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति का निवास, संसद, नार्थ ब्लॉक आते हैं साथ ही नेशनल आर्काइव्स, इंदिरा गाँधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, उद्योग भवन, हैदराबाद हाउस, बीकानेर हाउस, जवाहर भवन, रायसीना हिल्स ये सब सेन्ट्रल विस्टा Central Vista के अंतर्गत आते हैं..
Central Vista Avenue: देश की सबसे खास जगह पूरी तरह से बदलने जा रही है. हम बात कर रहे हैं राजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया गेट (India Gate) और उसके आसपास की पूरी जगह की... जिसे नए तरीके से बनाया जा रहा है. इसे सेंट्रल विस्टा का नाम दिया गया है, जिसके तहत इंडिया गेट से लेकर संसद भवन (Parliament) तक आएगा. इसका काम आखिरी चरण में है, लेकिन इससे पहले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का काम पूरा हो चुका है. जिसका उद्घाटन आज पीएम मोदी (PM Narendra Modi) करने जा रहे हैं.
इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की तरफ जो रास्ता जाता है, उसे पहले राजपथ कहा जाता था. लेकिन अब इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है. दरअसल सेंट्रल विस्टा पर चल रहे काम के चलते पिछले कई महीनों से इस रास्ते पर बैरिकेडिंग थी, घूमने आए लोगों को भी इससे परेशानी हो रही थी, लेकिन अब इस पूरे कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है और इसे खोला जा रहा है.
क्यों बदला गया राजपथ का नाम?
दरअसल नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर ‘‘राजपथ’’ का नाम बदलकर ‘‘कर्तव्य पथ’’ कर दिया. सरकार का कहना था कि ‘राजपथ’ सत्ता का प्रतीक था और उसे ‘कर्तव्य पथ’ का नाम दिया जाना बदलाव का सबूत है और यह सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तीकरण का एक उदाहरण भी है. इस फैसले के बाद अब तमाम सड़कों पर कर्तव्य पथ के साइन बोर्ड भी लगा दिए गए हैं.
हालांकि इस ऐतिहासिक रास्ते का नाम पहली बार नहीं बदला गया है. इसका नाम पहले भी बदला जा चुका है. राजपथ को पहले किंग्सवे कहा जाता था. 1955 में इसका नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया. जिसके बाद अब 7 सितंबर 2022 को इसे बदलकर कर्तव्य पथ का नाम दिया गया है.
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट असल में भारत की नई संसद और उसके आसपास के इलाके को कहा गया है. इसमें तमाम तरह की सुविधाएं और मॉर्डन इंफ्रास्ट्रक्चर होगा. संसद भवन से लेकर इंडिया गेट का पूरा इलाका इसके तहत री-डेवलप किया जा रहा है. इसमें पीएम हाउस, पीएमओ और केंद्रीय सचिवालय भी बनाया जा रहा है. इसका काम लगभग पूरा होने के कगार पर है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी इस प्रोजेक्ट पर काम लगातार चलता रहा. जिसके बाद अब विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक का पूरा रास्ता बनकर तैयार है. जिसे आम लोगों के लिए खोला जा रहा है. उद्घाटन के बाद 9 सितंबर से लोग इस ऐतिहासिक रास्ते का लुत्फ उठा सकेंगे.
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